इको-फ्रेंडली गणेश

दिंनाक: 06 Sep 2016 12:42:24


ईश्वर की पूजा हमें प्रकृति के करीब ले जाए तो इससे बेहतर क्या हो सकता है। यही वजह है कि इस बार गणपति उत्सव के लिए इको-फ्रेंडली गणेश मूर्तियों की मांग बढ़ी है।
एकदन्त, गजानन, अष्टविनायक, नाम कई, रूप एक! बप्पा के आने की खुशी में पूरा देश मग्न है, लेकिन ये वक्त खुशी में मग्न होने के साथ पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझने का भी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मन की बात में मिट्टी से बनी गणेश मूर्ति लाकर इको-फ्रेंडली तरीके से उत्सव मनाने का संदेश दिया था। इसका असर भी है। इको फ्रेंडली गणपति आज ट्रेंड बन चुके हैं।
भक्तों के लिए इको-फ्रेंडली गणेश उत्सव सोने पर सुहागा वाली बात है, क्योंकि पारंपरिक रूप से भी गणेश मूर्तियां मिट्टी और सामान्य रंगों से ही बनती आई हैं।
आबादी बढ़ी तो सिंथेटिक वस्तुओं का चलन भी बढ़ा वर्ना कौन भक्त नहीं चाहता कि उसकी पूजा प्राकृतिक सामग्री से पूरी हो।

गणेशोत्सव के दौरान लोगों में विशाल गणपति की मूर्तियां स्थापित करने की होड़ लगी रहती है। मगर इस बार पर्यावरण के प्रति लोगों की जागरूकता को लेकर लोग ज्यादा चिंतित है। यही वजह है कि इस बार इको फ्रेंडली मूर्तियों के प्रति लोगों का क्रेज बढ़ा है। ये मूर्तियां आसानी से पानी में घुल जाती हैं। जिससे नदी-झीलों के पानी पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता है।
मेहमान बनकर घर में विराजमान होने वाले गणपति बप्पा की इको फ्रेंडली मूर्तियों को लोग खासा पसंद कर रहे है। लोग प्लास्टर ऑफ पैरीस से बनी बप्पा की मूर्तियों से बच रहे है। शाडू मिट्टी और प्रकृतिक रंगों से बनी बप्पा की मूर्तियों की की मांग काफी बढ़ गई है। दरअसल शाडू मिट्टी से बनी मुर्तियां पानी में आसानी से घुल जाती है और प्रदुषण नहीं फैलाती। इन मूर्तियों से कोई प्रदूषण नहीं होता है। साथ ही पानी में रहने वाले जलीय जीव भी इससे सुरक्षित रहते है।
प्रदूषण को रोकने के लिए इको फ्रेंडली मूर्ति के साथ-साथ गणपति की सजावट भी इको फ्रेंडली की गई है। आमतौर पर थर्माकोल से बने रेडीमेड सजावट के सामान की ओर लोगों का ज्यादा झुकाव होता है, लेकिन पर्यावरण को देखते हुए पंडालों की सजावट के लिए लाइट्स, दिए और रंगबिरंगी लेस को इस्तामल किया जा रहा है। इतना ही नहीं गणेश की मूर्तियों को रंगने के लिए प्रकृतिक रंगों का इस्तेमल किया जा रहा है।

तो अगर आपको भी पानी है गणपति की पूरी कृपा तो जरूर मनाइए इको फ्रेंडली पूजा।