पाकिस्तान को जवाब

दिंनाक: 21 Sep 2016 17:35:06


जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के उरी में रविवार को चार आतंकियों ने सेना के शिविर पर हमला किया था। हमले में 18 सैनिक शहीद हो गए थे और 30 घायल हुए थे। सेना ने आतंकियों को भी मार गिराया था। भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा पर और अंदरूनी इलाकों में आतंकवादी स्थिति से निपटने में यथेष्ट संयम का प्रदर्शन किया है। हालांकि, आवश्यकता पड़ने पर हम इस तरह की हिंसात्मक और आक्रामक कार्रवाई का जवाब देने के लिए पूरी क्षमता रखते हैं। आंतकियों के आक्रमण का प्रत्युत्तर सही समय और स्थान पर दिया जाएगा। सभी कार्रवाई राष्ट्र हित, राष्ट्रीय सुरक्षा और अन्य मुद्दों को ध्यान में रखते हुए की जाएगी।

जम्मू-कश्मीर के उरी में हुए आतंकी हमले के बाद बुलाई गई उच्चस्तरीय बैठक में विकल्पों पर विचार किया गया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने तात्कालिक कदम के रूप में पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने के लिए ठोस वैश्विक प्रयास की बात कही है। जम्मू-कश्मीर की स्थिति की समीक्षा के लिए उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री मोदी ने की। प्रधानमंत्री श्री मोदी हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता के स्पष्ट सबूत चाहते हैं, ताकि संयुक्त राष्ट्र महासभा सहित सभी वैश्विक मंचों पर उसे पेश किया जाए।

बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री श्री अरुण जेटली, रक्षामंत्री श्री मनोहर पर्रिकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत डोभाल, सेनाध्यक्ष श्री दलबीर सिंह सुहाग और प्रधानमंत्री कार्यालय, रक्षा मंत्रालय और गृह मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

उच्चस्तरीय बैठक से पहले केंद्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने एक अन्य बैठक में सीमा और नियंत्रण रेखा की स्थिति की समीक्षा की। राजनाथ जी की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में गृह मंत्रालय के अधिकारियों को पंजाब, राजस्थान और गुजरात के साथ अन्य सीमावर्ती राज्यों के साथ भी समन्वय बनाने के निर्देश दिए गए। पंजाब के सीमावर्ती जिलों को ‘हाई अलर्ट’ पर रखा गया है। भारत ने रविवार सुबह हुए हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जोर देकर कहा है कि दोषियों को सजा दी जाएगी।

भावुकता और क्रोध में फंसने के बजाय अल्पकालीन और दीर्घकालीन दोनों प्रभावों को ध्यान में रखते हुए भारत को जरूर कार्रवाई करनी चाहिए। बैठक में अन्य विकल्पों पर भी विचार किया गया, लेकिन उन पर गहन मंथन और उनके आकलन की संभावना है। बैठक में प्रधानमंत्री को आतंकवादियों द्वारा आग लगाने वाले गोले-बारूद के इस्तेमाल के बारे में भी जानकारी दी गई। इस तरह के गोले-बारूद केवल सैन्य प्रतिष्ठानों के पास से ही मिल सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के गोले-बारूद आतंकवादियों को पाकिस्तानी सेना के समर्थन की ओर इशारा करते हैं। सूत्रों ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर पेश करने के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सुरक्षा और अन्य जांच एजेंसियों से हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता की ओर इशारा करने वाले सभी सबूत एकत्रित करने को कहा है।

पाकिस्तान के इनकार और उसकी प्रतिक्रिया से भारत का कोई लेना-देना नहीं है और वह अपने तरीके से जवाब देगा। सबकुछ लोगों के समक्ष है। हमें पाकिस्तान की प्रतिक्रिया पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए। हम सतर्कतापूर्वक अपना कदम उठाएंगे।