रेलवे

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वर्ष 2004 में पहली बार सांसद बनने के बाद से ही मेरा ऐसा मानना रहा की बेहतर कनेक्टिविटी से किसी भी शहर को विकास के रास्ते पर लाना आसान होता हैं | इसी के मद्देनज़र मेरे द्वारा जबलपुर से बेहतर कनेक्टिविटी के लिए प्रयास किया गया चाहे एयर- कनेक्टिविटी की हो या रेलवे की | जबलपुर जहाँ एक ओर पश्चिम मध्य रेल के मुख्यालय होने के साथ पूर्वी मध्यप्रदेश एवं महाकौशल का मुख्यालय भी हैं | प्रारम्भ से ही जबलपुर की उपेक्षा हुई और इसके कारण इस शहर का जितना विकास अपेक्षित था वो नहीं हो पाया | मेरे सांसद बनने के बाद जबलपुर से देश के कई बड़े शहरों को सीधे जोड़ने का प्रयास किया गया | जिनमे मुख्य रूप से जबलपुर से मुंबई, बैंगलोर, दिल्ली, पुणे, जयपुर, जम्मूतवी आदि |
जबलपुर से बेहतर कनेक्टिविटी के साथ ही एक महत्वपूर्ण परियोजना जबलपुर-गोंदिया ब्राडगेज परियोजना हैं | जो वर्ष 1996-97 में स्वीकृत हुई और वर्ष 2003 में श्रधेय अटल बिहारी बाजपाई जी के प्रधानमंत्रित्व कार्यकाल में इस परियोजना का भूमिपूजन हुआ और कार्य प्रारम्भ हुआ | 511 करोड़ की यह परियोजना आज लगभग 1700 करोड़ रुपये की हो चुकी हैं इसका सबसे बड़ा कारण था पिछले दस वर्षों में इस परियोजना को लेकर कांग्रेसनीत यूपीए सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैये के कारण |
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में वर्ष 2014 में केंद्र में सरकार बनने के बाद इस परियोजना को जहाँ पर्याप्त राशि आवंटन हुआ वही इस परियोजना की गति में कई गुना की वृद्धि भी हुई हैं | वर्ष 2015-16 के रेल बजट में इस परियोजना को 165 करोड़ रुपये मिले और मेरे आग्रह पर उसी वर्ष इस परियोजना को 200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन हुआ | इस वर्ष के बजट (2016-17) में भी इस परियोजना को 234 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत हुई हैं | माननीय रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु जी से मुलाकात के दौरान उन्होंने ये भी आश्वस्त किया गया कि इस परियोजना में फण्ड की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी |
इसके साथ ही मेरी मांग पर वर्ष 2012 में इटारसी-इलाहाबाद इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य स्वीकृत हुआ था और इस बजट में भी 350 करोड़ रुपये मिले हैं | यह परियोजना भी मार्च 2017 तक पूरा किये जाने का प्रयास किया जा रहा हैं |
नैरोगेज लाइन बंद होने के बाद हाउबाग रेलवे स्टेशन के अस्तित्व पर सवाल उठ रहे थे
| इस बजट में मेरे आग्रह पर मदन महल रेलवे स्टेशन को टर्मिनल एवं हाउबाग रेलवे स्टेशन को कोचिंग काम्प्लेक्स के रूप में विकसित किये जाने की स्वीकृति के साथ ही 120 करोड़ रुपये की राशि भी स्वीकृत की गई हैं |
जबलपुर – इंदौर नई रेल लाइन को 1 लाख रुपये की राशि मिली और इस नए रेल लाइन के बनने के बाद जबलपुर से इंदौर की दूरी लगभग 100 किमी कम होगी |
जबलपुर – गोंदिया ब्राडगेज परियोजना के अंतर्गत बालाघाट-नैनपुर सेक्शन पर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के अधीनस्थ वाइल्ड लाइफ प्रभाग द्वारा फेज – 2 क्लीयरेंस न देने के कारण इस हिस्से में रेलवे द्वारा कार्य अधुरा था | इस सम्बन्ध वन एवं पर्यवरण मंत्री एवं वाइल्ड लाइफ डिवीज़न के अधिकारीयों से लगातार फॉलोउप के कारण दिनांक 15 मार्च 16 को मंत्रालय द्वारा यह सूचना दी गई की NBWL की बैठक में Special Case लेते हुए स्वीकृत किया गया हैं |

सिख समाज के द्वारा लगातार मांग के अनुरूप मेरे द्वारा प्रयास किया गया और बजट से पहले रेल मंत्री, चेयरमैन रेल बोर्ड, मेम्बर ट्रैफिक एवं पश्चिम मध्य रेल के महाप्रबंधक से चर्चा कर इस मांग को पूरा करने का आग्रह किया | पश्चिम मध्य रेल द्वारा जबलपुर से अटारी (पाकिस्तान से ३२ किमी पहले) तक दिनांक 02 अप्रैल 16 से 29 जून 16 तक के लिए ट्रेन का सञ्चालन करने का फैसला किया गया हैं यदि ट्रेन वाणिज्यिक दृष्टि से viable होगा तो स्थाई की घोषणा भी की जा सकती हैं |
जबलपुर से वाराणसी उत्तरप्रदेश के लिए सीधी एक्सप्रेस ट्रेन की मांग मेरे द्वारा की गई थी जिसके मद्देनज़र जबलपुर – मंडुआडीह ट्रेन की घोषणा हुई और यह ट्रेन संचालित की जा रही हैं |
क्षेत्र वासियों की मांग पर सिहोरा रेलवे स्टेशन पर फूट ओवर ब्रिज के निर्माण हेतु सांसद निधि से 10 लाख रूपए की राशी स्वीकृत की गई हैं |