अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

दिंनाक: 19 Jun 2017 10:14:05


 

योग प्राचीन भारतीय परंपरा का एक अमूल्य उपहार है। यह एक आध्यात्मिक अनुशासन है जो कि मन और शरीर के बीच सामंजस्य लाने पर केंद्रित है। योग के महत्व को वैश्विक समुदाय द्वारा स्वीकार किया गया है।
अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस के विचार का प्रस्‍ताव भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा में 27 सितंबर, 2014 को अपने भाषण के दौरान रखा था। संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा ने 21 जून को वर्ष 2014 में 11 दिसंबर को अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया था। वर्ष 2015 से ही 21 जून पूरे विश्‍व में अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है।

इतिहास में भारत के लिये अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की घोषणा एक महान क्षण था। संयुक्त राष्ट्र आम सभा के द्वारा विश्व योग दिवस के रुप में घोषणा करने के लिये इसने 3 महीनों से भी कम समय लिया। हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 27 सितंबर 2014 में इसके लिये आह्वान किया था जो अंतत: 11 दिसंबर 2014 में घोषित हो गया। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था कि किसी देश के द्वारा दिये गये प्रस्ताव को यू.एन. के द्वारा मात्र 90 दिनों में ही लागू कर दिया गया हो। लोगों के स्वास्थ्य और भले के लिये पूरे विश्व भर के लोगों के लिये एक पूर्णतावादी दृष्टिकोण उपलब्ध कराने के लिये आम सभा के द्वारा वैश्विक स्वास्थ्य और विदेश नीति के तहत इस स्वीकृत प्रस्ताव को अंगीकृत किया गया है।

अपने भाषण के दौरान नरेन्द्र मोदी जी ने यू.एन. की आम सभा से कहा कि “योग भारतीय परंपरा का एक अनमोल उपहार है।” ये मस्तिष्क और शरीर की एकता को संगठित करता है; विचार और कार्य; अंकुश और सिद्धि; मानव और प्रकृति के बीच सौहार्द; स्वास्थ्य और अच्छे के लिये एक पूर्णतावादी दृष्टिकोण है। ये केवल व्यायाम के बारे में ही नहीं बल्कि विश्व और प्रकृति के साथ स्वयं एकात्मकता की समझ को खोजने के लिये भी है। अपनी जीवनशैली को बदलने और चेतना को उत्पन्न करने के द्वारा ये जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने में मदद कर सकता है। चलिये एक अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को अंगीकृत करने की ओर कार्य करें।

पूरे विश्वभर की मानव जनसंख्या के जीवनशैली के ज्ञान और सकारात्मक बदलाव के एक महान स्तर को उत्पन्न करने के लिये संयुक्त राष्ट्र आम सभा को संबोधित करने के दौरान योग के लिये खासतौर से एक दिन अंगीकृत करने के लिये हमारे पी.एम. श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अपने विचार रखे। नकरात्मक जलवायु परिवर्तन के कारण गिरते स्वास्थ्य की समस्या से निपटने के लिये अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को अंगीकृत करने के लिये विश्व के नेताओं से मोदी जी ने आह्वान किया। खासतौर से, योग के अंतरराष्ट्रीय दिवस के लिये उन्होंने 21 जून की तारीख को व्यक्त किया क्योंकि दुनिया के बहुत सारे भागों में लोगों के लिये बड़े महत्व के साथ ही उत्तरी गोलार्द्ध में ये सबसे लंबा दिन है।

इस वर्ष तीसरा अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस आयोजित किया जाएगा। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने हमारे योग को अंतर्राष्ट्रीय गौरव का विषय बना दिया है। इस तृतीय विश्व योग दिवस को यादगार बनाने के लिए एक ही परिवार की तीन पीढ़ियां एकसाथ योग करें। इसमें दादा-दादी या नाना-नानी के साथ माता-पिता और बच्चे शामिल हो सकते हैं।

21 जून के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर मैं आप सबसे बढ़-चढ़कर भूमिका निभाने का आह्वान करता हूँ। मैं आप सबसे अपील करता हूँ की आप अपनी तीन पीढ़ियों के साथ योग करें और उसकी तस्वीर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजें। इसके लिए मोदी एप सबसे सुगम माध्यम है। योग को सेहत के साथ संबंधों का भी माध्यम बना सकते हैं। योग वास्तव में निरोग रहने की कला है योग अपने आप को तरोताजा और प्रसन्नचित बनाए रखने का जरिया है। इससे हम अपने तन और मन के साथ विचारों को भी जोड़ते हैं और इस तरह अंतरात्मा की शुद्धि भी करते है।