जबलपुर में की जाये सैनिक स्कूल की स्थापना

दिंनाक: 04 May 2016 11:00:16


लोकसभा में हमने सदन का ध्यान आकृष्ट कराते हुये जबलपुर में सैनिक स्कूल की स्थापना करने की आवश्यकता पर जोर देते हुये कहा कि इससे नवयुवको को अच्छी शिक्षा प्राप्त होंगी साथ ही साथ शक्तिशाली राष्ट्र की स्थापना के लिए प्रतिभावान नवयुवक तैयार हो सकेंगे।

हमने सदन में नियम 377 के अंतर्गत जबलपुर में सैनिक स्कूल की आवश्यकता के पक्ष में अवगत कराया कि भारतबर्ष में सभी प्रदेशो में सैनिक स्कूल को स्थापित करने की अवधारणा बर्ष 1961 में बनाई गई थीए वर्तमान में रक्षा मंत्रालय के अधीन विभिन्न प्रदेशो में कुल 25 सैनिक स्कूल चल रहे है तथा संबलपुर (उड़ीसा) एवं अलवर (राजस्थान) में 2 अतिरिक्त सैनिक स्कूलों की स्थापना प्रस्तावित है इस प्रकार बिहार, कर्णाटक, हरियाणा, आँध्रप्रदेश के बाद अब इन प्रदेशो में स्कूलों की स्थापना के पश्चात् उड़ीसा एवं राजस्थान जैसे प्रदेशो में भी 2-2 सैनिक स्कूल हो जायेंगे।

मध्य प्रदेश में वर्तमान में 1 सैनिक स्कूल रीवा जिले में स्थित है। हमने जबलपुर के सामरिक दृष्टि से महत्त्व को रेखांकित करते हुये अवगत कराया की जबलपुर में मध्य भारत एरिया का सैन्य मुख्यालय है थल सेना की 3 महत्पूर्ण इकाईया सिंग्नल कोर, जे एंड के रायफल्स एवं ग्रनेडीअर्स सेंटर के प्रशिक्षण केंद्र स्थित है आर्मी आर्डिनेंस कोर का स्कूल भी यहाँ पर स्थित है सुरक्षा संस्थानों के रूप में रक्षा मंत्रालय के ही अधीन गन कैरिज फेक्ट्री, वाहन निर्माणी, आयुध निर्माणी, ग्रे आयरन फाउंड्री, सेंट्रल आर्डिनेंस डिपो, 506 आर्मी वेस वर्कशॉप, कंट्रोलर ऑफ़ डीफेंस अकाउंट के विभिन्न कार्यालय मिल्ट्री अस्पताल, मिल्ट्री डेअरी फार्म, एम.ई.एस सहित लगभग 105 केन्द्रीय कार्यालय / संस्थान जबलपुर में विद्यमान है इसके अतिरिक्त बढ़ी संख्या में बैंक तथा एल.आई.सी. जैसी संस्थायें एवं उनके क्षेत्रीय मुख्यालय भी जबलपुर में है, इसप्रकार जबलपुर में सैनिक तथा आसैनिक संस्थानों एवं कार्यालयों की संख्या अधिक है तथा इनमे कार्यरत अधिकारियो एवं कर्मचारियों की संख्या जो की लगभग 1 लाख से ऊपर है इसके अतिरिक्त प्रदेश के ईटारसी, कटनी, ग्वालियर, भोपाल, सागर, महू जैसे अनेक जिलो में सैनिक कर्यालय एवं संस्थान उपलब्ध है।

मध्यप्रदेश के रीवा में स्थापित एकमात्र सैनिक स्कूल नाकाफी है इसलिये सैनिक स्कूल की मूल अवधारणा के अनुरूप मध्यप्रदेश का दूसरा सैनिक स्कूल जबलपुर में खोलना उपयुक्त होगा जिससे यहाँ के नवयुवको को अच्छी शिक्षा प्राप्त होंगी साथ ही साथ शक्तिशाली राष्ट्र की स्थापना के लिए प्रतिभावान नवयुवक तैयार हो सकेंगे।