गौ-वध प्रतिबंध हेतु लागू कानून पर लोकसभा में केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री श्री सुदर्शन भगत से प्रश्न

दिंनाक: 24 Dec 2016 14:28:17


 

गौ-वध और इसकी संतति पर प्रतिबंध अथवा निगरानी रखने संबंधी कानून देश के 24 राज्यों एवं 05 केन्द्र शासित प्रदेशों में लागू है केवल 05 राज्य ओैर एक केन्द्र शासित प्रदेश में इसके लिये कोई कानून नहीं है। यह जानकारी केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री श्री सुदर्शन भगत ने लोकसभा में मेरे प्रश्न के लिखित जवाब में दी।
गौ-वध पर प्रतिबंध से संबंधित अपने एक महत्वपूर्ण प्रश्न में केन्द्र सरकार से यह जानना चाहा था कि क्या सरकार का पूरे देश में गौ-वध पर प्रतिबंध लगाने का विचार है और यदि हाँ तो उसका राज्यवार ब्यौरा क्या है साथ ही उन राज्यों के नाम क्या है जिन्होंने गौ-वध पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है ?
मेरे प्रश्न के लिखित जवाब में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री श्री सुदर्शन भगत ने अवगत कराया कि संविधान के अनुच्छेद 246 (3) के अधीन भारतीय संघ और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों के बटवारे के तहत गौ वंश का संरक्षण ऐसा मामला है जिसके लिये राज्यों की विधायिका को कानून बनाने के लिये विशिष्ट शक्तियां प्राप्त हैं और इसलिये राज्यों का यह उत्तर दायित्व है कि वे गौ वध संबंधी कानून को लागू करें। केन्द्रीय राज्यमंत्री ने अवगत कराया कि देश के केवल 05 राज्य अरूणाचल प्रदेश, केरल, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और एक केन्द्र शासित प्रदेश लक्ष्यद्वीप में गौ-वध संबंधी कोई कानून लागू नहीं है शेष 24 राज्य आंध्रप्रदेश, असम, बिहार, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडू, त्रिपुरा, उत्तरप्रदेश, पश्चिमबंगाल, मणिपुर, दिल्ली, उत्तराखंड, झारखंड, छत्तीसगढ़ के साथ ही केन्द्रशासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, चंडीगढ़, दादर नागर हवेली, दमन दीव, पुडुच्चेरी में दुधारू पशुओं जैसे गाय समेत अन्य पशुओं के वध पर निगरानी/निषेध/प्रतिबंध संबंधी कानून लागू हैं।