दिंनाक: 09 May 2016 13:56:05 |
मंत्रिमंडल ने गरीब परिवार की महिला सदस्यों को मुफ्त रसोई गैस (एलपीजी) कनेक्शन मुहैया कराने के लिए 8,000 करोड़ रुपए की योजना को मंजूरी दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन साल के लिए 8,000 के परिव्यय वाली प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना को मंजूरी दी। इस योजना का लक्ष्य है गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को युद्ध-स्तर पर एलपीजी कनेक्शन मुहैया कराना।
भारत की महिलाओं को खाना बनाते समय धुएं से जूझना पड़ता है। विशेषज्ञों के मुताबिक रसोई में खुली आग के धुएं में एक घंटे बैठने का मतलब है 400 सिगरेट का धुआं सूंघना। इस समस्या के समाधान का समय आ गया है। मजदूरों की भलाई के लिए सरकार काम कर रही है। हमने श्रम क़ानून में बदलाव किया। हमने श्रमिकों को न्यूनतम 1,000 पेंशन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि नीतियों में कमी से ग़रीबी बढ़ रही थी। पीएम ने कहा कि जिन लोगों ने गैस सब्सिडी छोड़ी, उन्हें नमन।
देश में निर्धनों की अभी तक खाने पकाने की गैस (एलपीजी) तक सीमित पहुंच रही है। एलपीजी सिलेंडर की पहुंच मुख्य रूप से शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों तक है और इनमें से भी औसतन परिवार मध्यम और समृद्ध वर्ग के हैं।
जीवाश्म ईंधन पर आधारित खाना बनाने से स्वास्थ्य से जुडी गंभीर समस्याएं देखी गयी हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक अनुमान के मुताबिक भारत में 5 लाख लोगों की मृत्यु अस्वच्छ जीवाश्म ईंधन के कारण होती है। इनमें से अधिकतर की मृत्यु का कारण गैरसंचारी रोग जैसे हद्य रोग, आघात, दीर्घकालीन प्रतिरोधी फेफडे संबंधी रोग और फेफडे का कैंसर शामिल है। घरेलू वायु प्रदूषण बच्चो को होने वाले तीव्र श्वास संबंधी रोगो के लिए बडी संख्या में जिम्मेदार है। विशेषज्ञों के अनुसार रसोई में खुली आग जलाना प्रति घंटे चार सौ सिगरेट जलाने के समान है।
बीपीएल परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान करने से देश में खाने पकाने की गैस की पहुंच सभी लोगों तक संभव होगी। इससे महिलाओं का सशक्तिकरण होगा और उनके स्वास्थ्य की रक्षा होगी।
इससे खाने बनाने में लगने वाले समय और कठिन परिश्रम को कम करने भी सहायता मिलेगी। योजना से खाने पकाने की गैस के वितरण में कार्यरत ग्रामीण युवाओं को रोजगार भी प्राप्त होगा।