जबलपुर का औद्योगिक विकास कर केन्द्र बिंदु बनाया जाएगा: श्री कलराज मिश्र

दिंनाक: 14 Sep 2016 10:09:17


जबलपुर में उद्योगों के विकास के लिए असीम संभावनाएं हैं इन्ही संभावनाओं को देखते हुए जबलपुर का औद्योगिक विकास कर उसे केन्द्र बिंदु बनाया जाएगा उक्ताशय के उद्गार सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्योग केन्द्रीय मंत्री श्री कलराज मिश्र ने सांसद मेरे द्वारा आयोजित उद्यमिता विकास कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर होटल विजन महल, तिलहरी में दिये।

केन्द्रीय मत्री श्री मिश्र ने कहा "जब मै मंत्री बना तब से ही सांसद श्री राकेश सिंह मुझे जबलपुर आने कह रहे थे चूंकि राकेश सिंह गतिशील व्यक्तित्व के सांसद हैं और जिस कार्य को करते हैं पूरे मनोयोग से करते हैं तो उनके आमंत्रण पर मैं आपके बीच आया हूँ जबलपुर में लघु उद्योगों की जो स्थिति है उसका आकलन और साथ ही उनको कैसे सुविधा युक्त किया जा सकता है उसके लिए प्रोत्साहन देना आवश्यक है इसी के साथ जो अधिकतम तकनीक है और आज कल उद्योगों के लिए नए-नए विचारों के साथ कैसे उसे विकसित किया जाए उसके लिए आर.एण्ड. डी जिसे रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट कहते हैं की आवश्यक्ता है और यदि आधुनिकतम तकनीक है तो उसका सदुपयोग कैसे हो इसकी भी आवश्यक्ता है। इन सारे विषयों पर चर्चा होनी चाहिए और जबलपुर जैसे स्थान पर निश्चित रूप से यह आ सके तो अच्छा होगा। इन सभी विषयों को लेकर सांसद श्री सिंह ने अपना मत व्यक्त किया था और मुझे भी लगा कि मुझे आना चाहिए। "
श्री मिश्र ने आगे कहा कि जबलपुर एक एैसा स्थल है जहां रक्षा उद्योग है कितु उसके सहयोगी उद्योग भी यहाँ लगना चाहिए और उसका विस्तार भी होना चाहिए किंतु एैसा नहीं है यह गंभीर और विचारयुक्त विषय है क्योंकि महाकौशल का केन्द्र बिंदु जबलपुर है और यदि जबलपुर का विकास होगा तो महाकौशल का भी विकास होगा। जैसा कि यहाँ का भौगोलिक स्वरूप है उसके अनुसार यहाँ एग्रोबेस इंडस्ट्री की ज्यादा जरूरत है साथ ही छोटे छोटे उद्योगों का विस्तार व्यापक तौर पर होना भी आवश्यक है।

श्री मिश्र ने कहा कि सांसद श्री राकेश सिंह द्वारा लाइवली हुड बिजनेस इन्क्यूवेशन सेंटर की मांग भी की गई है इसे जबलपुर में खोला जाएगा इसके साथ ही यदि किसी भी विश्वविद्यालय या महाविद्यालय के द्वारा अतिरिक्त इन्क्यूवेशन सेटर की स्थापना हेतु प्रस्ताव दिया जाता है तो उसे भी स्वीकृत किया जाएगा जिसकी लागत लगभग 65 लाख रूपये होती है। देश में उद्योग से जुड़ी सारी चीजों को व्यवस्थित करने के लिए एक टैक्नोलोजिकल सेंट्रल सिस्टम प्रोग्राम जिसे टूल रूम कहते हैं एैसे 18 टूल रूम पूरे देश है जिसमें से 15 को वल्र्ड बैंक की सहायता से हम दे रहे हैं चिन्हित हो गए हैं । मध्यप्रदेश में ही इन्दौर में पहले से टूल रूम हैं साथ ही भोपाल में भी इसकी स्थापना होने जा रही है और सांसद श्री राकेश सिंह द्वारा मांग की गई है कि जबलपुर में भी इसका एक्सटेंशन होना चाहिएं इसके लिए 10एकड़ जमीन की आवश्यक्ता है जो आपके पास उपलब्ध है राज्य सरकार से प्रस्ताव आने के बाद भोपाल टूलरूम के भूमिपूजन के पश्चात इसे भी स्वीकृत कर दिया जाएगा । साथ ही उद्योग आधार मेमोरेण्डम का पंजीयन अब आॅनलाइन होने लगे हैं और 7से 8 महीने में ही देश भर में 14 लाख से ज्यादा पंजीयन हो गए हैं आप भी अपना आॅनलाइन पंजीयन कराइये यह निःशुल्क पंजीयन है और एक दम सरल भी हैं और इसका लाभ भी आपको मिलेगा।
श्री मिश्र ने आगे कहा कि देश में लघु उद्योगों का अपना स्थान है इसलिए हमारे प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने कहा है कि हमारी सरकार गरीबों की सरकार है हमारा देश विकासशील देश है और जहाँ कृषि के माध्यम से सबसे ज्यादा लोगों को लाभ होता है उसके बाद का जो क्षेत्र है वह लघु उद्योगों का क्षेत्र है और इसीलिए इसे विकसित करना चाहिए और उन्होंने कहा है कि भारत को मैन्यूफैक्चिरिंग हब बनाएंगे और इसके लिए हमे निवेश चाहिए इसलिए प्रधानमंत्री जी ने मेक इन इंडिया की बात की और सबसे आग्रह किया कि भारत आइये और उद्योग लगाइये और इसके लिए उन्होंने जीरों डिफेक्ट और जीरो इफेक्ट की बात की जहां जीरो डिफेक्ट मतलब प्रदूषण मुक्त और जीरो इफेक्ट मतलब पर्यावरण प्रेमी साथ ही गुणवत्ता युक्त मैन्यूफैक्चिरिंग होना चाहिए और इसके लिए उन्होंने स्किल डेवलपमेंट की भी बात की।
प्रदेश शासन के सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग राज्य मंत्री श्री संजय पाठक ने भी कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश देश का हृदय स्थल है और जबलपुर इसका केन्द्र बिंदु है यहाँ खाद , खनिज, मार्बल, वन संपदा प्रचुर मात्रा में हैं साथ ही सभी आवश्यक संसाधन भी हैं साथ ही प्रदेश में भी औद्योगिक वातावरण को दृष्टिगत रखते हुए मूलभूत सुविधाएं जैसे सड़क, पानी, बिजली उपलब्ध है इसीलिए जबलपुर के साथ महाकौशल के औद्योगिक विकास के लिए राज्य सरकार के साथ केन्द्र सरकार भी मदद करे तो निश्चित ही इस क्षेत्र का संपूर्ण विकास होगा। श्री पाठक ने अपने उद्बोधन में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए विभाग द्वारा उठाए गए कदमो और नीतियों का भी विस्तार से उल्लेख करते हुए जानकारी दी और केन्द्र से भरपूर सहयोग की अपेक्षा की।

मेरे आग्रह पर केन्द्रीय मंत्री श्री कलराज मिश्र जी ने पूर्व में ही आश्वस्त कर दिया था कि मैं जबलपुर जरूर आउंगा आज वे हमारे बीच इस कार्यशाला को संबोधित करने आए हैं उनका धन्यवाद देते हुए स्वागत करता हूँ। उद्योग और व्यापार की स्थिति पूरे देश में आदिकाल से ही अच्छी रही और एक समय था कि पूरे विश्व में भारत का उद्योग 27 से 30 प्रतिशत हुआ करता था किन्तु देश में लगातार आक्रांताओं के आने के कारण इसमें कमी आई बाद में अंग्रेजों ने भी योजना के साथ उद्योग तंत्र को नष्ट करने का काम किया जिससे अर्थव्यवस्था में हम पिछड़ते चले गए। आज दुनिया छोटी हो गई है लोग एक देश से दूसरे देश जाकर व्यापार कर रहे हैं किंतु आदर्श स्थिति आज भी यही है कि जो जहाँ है वहीं रहकर उत्पादन करे और उद्योग को बढ़ावा दे इसके लिए लघु एवं सूक्ष्म उद्योग महत्वपूर्ण माने जाते हैं । जबलपुर की दृष्टि में मै मानता हूँ कि हमेशा जबलपुर का महत्व रहा है इसलिए अंग्रेजों ने भी यहाँ रक्षा उद्योग की चार बड़ी फैक्ट्रियां लगाई जिसके कारण यहाँ लोगों को रोजगार तो मिला लेकिन उसका नुकसान भी हुआ क्योंकि रक्षा फैक्ट्रियां होने के कारण इसे अग्रणी शहर मान लिया गया और जिसके कारण अन्य उद्योग यहाँ स्थापित नहीं हो सके । लेकिन अब काफी समय बीत चुका है आज नई तकनीक उद्योग के क्षेत्र में आ रही हैं एक ओर यह बड़े उद्योगों के लिए ताकत होती है तो छोटे उद्योगों के लिए एक चुनौती से कम नहीं होती लेकिन आज इस चुनौती को स्वीकार करने की आवश्यक्ता है और नई सोच के साथ आगे बढ़ना होगा। केन्द्र एवं राज्य सरकार की सकारात्मक सोच का लाभ हमें लेना चाहिए। प्रदेश में शिवराज जी के मुख्यमंत्री बनने के पश्चात कई परिवर्तन आए है और अब देश में मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार लगातार औद्योगिक विकास की दिशा में काम कर रही है।
मैंने जबलपुर में भी औद्योगिक विकास के लिए केन्द्रीय मंत्री श्री कलराज मिश्र से मांग करते हुए कहा कि जबलपुर में टूल रूम एक्सटेंशन की स्थापना की जाए ताकि अत्याधुनिक मशीनों की कमी छोटी उद्यमियों को न हो साथ ही ट्रेनिंग और स्किल डेवलपमेंट जैसे विषय भी जबलपुर के उद्यमियों के लिए आसान हो जाएं और उद्योगों को प्रारंभिक स्तर पर तकनीक, दक्षता, तथा आर्थिक सलाह की महत्वपूर्ण आवश्यक्ता होती है इसके लिए एक इन्क्यूवेशन संेटर की आवश्यक्ता भी होती है इसलिए एक इन्क्यूवेशन सेंटर जबलपुर में खोल जाए । श्री सिंह ने कहा कि मुझे विश्वास हैकि जबलपुर एक औद्योगिक विकास के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार का भरपूर योगदान मिलेगा ।

कार्यशाला के उद्घाटन सत्र के पश्चात अन्य 6 सत्रों में एम.एस.एम.ई. योजनाओं के संबंध में जानकारी विषय पर भारत सरकार उद्योग विभाग के अपर सचिव व विकास आयुक्त श्री एस.एन.त्रिपाठी, एम.एस.एम.ई हेतु बैंकिग क्षेत्र पर योगदान विषय पर स्टेट लेवल बैकिंग कमेटी भोपाल के चेयरमैन श्री अजय व्यास ने, एम.एस.एम.ई संबंधी योजनाओं विषय पर एम.एस.एम.ई इन्दौर के डायरेक्टर श्री व्ही.पी.शर्मा ने, टूल रूम से संबंधित तकनीकि जानकारी के विषय में एम.एस.एम.ई टूल रूम के महाप्रबंधक श्री प्रमोद जोशी ने राष्ट्रीय लघु उद्योग द्वारा संभावित योजनाओं की जानकारी विषय में राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम इन्दौर के शाखा प्रबंधक श्री डी.डी.घटक ने , खादी एवं ग्रामीण आयोग संबंधी जानकारी विषय में के.व्ही.आई.सी के डायरेक्टर श्री जे.के.गुप्ता ने, राज्य शासन की योजनाओं एवं सुविधाओं के विषय में अपर संचालक एम.एस.एम.ई मध्यप्रदेश श्री अजय चैबे, तथा वैण्डर डेवलपमेंट कार्यक्रम विषय में लघु उद्योग निगम के मैनेजर श्री राजप्रकाश ने जानकारी देते हुए अपने विचार रखे।
आज संपन्न कार्यशाला जबलपुर एवं संपूर्ण महाकौशल क्षेत्र के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी जो सांसद श्री राकेश सिंह के सार्थक प्रयत्नों से आयोजित हुई और इसमें बड़ी संख्या में क्षेत्र के उद्यमियों ने भाग लिया जिससे निश्चित तौर पर एक औद्योगिक विकास के वातावरण का निर्माण होगा।
कार्यशाला में महापौर डॉ. स्वाती गोडबोले , विधायक अंचल सोनकर, अशोक रोहाणी, प्रतिभा सिंह, एल.बी.लोबो, पूर्व विधायक अजय विश्नोई , हरेन्द्रजीत सिंह बब्बू , एस के मुद्दीन, भाजपा नगर अध्यक्ष जी.एस.ठाकुर, मंचासीन थे। कार्यक्रम का संचालन जिला व्यापार उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक श्री एस.एन.पाठक ने एवं आभार केन्ट क्षेत्र विधायक अशोक रोहाणी ने किया ।