दिंनाक: 20 Apr 2017 15:08:44 |
आमतौर पर कहा जाता है कि संसद में काम कम और हंगामा अधिक होता है, लेकिन 16वीं लोकसभा के 11वें सत्र ने इस धारणा को तोड़ने का काम किया है। कामकाज की दृष्टि से लोकसभा का बजट सत्र न केवल मिसाल बना, बल्कि इस सत्र ने आजादी के बाद अब तक के सबसे बड़े कर सुधार की दिशा में भी महत्वपूर्ण कार्य किया। लिहाजा लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने लोकसभा के बजट सत्र को अत्यंत सार्थक, उत्पादक और सांसदों की साख के अनुकूल बताया तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा संसदीय दल की बैठक में बजट सत्र को बेहद सफल करार देते हुए कहा कि संसद में सत्तापक्ष कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने में सफल रहा। इसलिए गरीबों और वंचितों के जीवनस्तर को बेहतर बनाने के लिए हमारे समक्ष यह स्वर्णिम अवसर है। यह समय अधिक से अधिक विकास और सुधार के एजेंडे को आगे बढ़ाने का है। वहीं, अधिकांश विपक्षी दलों के सदस्यों ने भी माना कि कामकाज के लिहाज से संसद का बजट सत्र बेहतर रहा। इसे लोकसभा के सफलतम सत्रों में इसलिए भी गिना जा रहा है, क्योंकि संसद के इस बजट सत्र में मोदी सरकार ने अंग्रेजी हुकूमत से चली आ रही कई परंपराओं को इतिहास के पन्नों में समेटकर देश की अर्थव्यवस्था बदलने के लिए नई दिशा देने वाले कई ऐतिहासिक फैसले लिए।
* बजट सत्र के दौरान 24 विधेयक हुए पेश
* 23 महत्वपूर्ण विधेयक पारित
* जीएसटी से जुड़े महत्वपूर्ण विधेयकों पर लगी मुहर
* सत्र के दौरान 136 सवालों का मिला जबाव
* सत्र के दौरान तय समय से 28 घंटे ज्यादा बैठे सांसद
* व्यवधान के चलते 8 घंटे हुए बाधित
* राष्ट्रपति के अभिभाषण पर 10 घंटे से अधिक चर्चा
* 1 फरवरी को पेश हुआ आम बजट
* इस बार अलग से पेश नहीं हुआ रेल बजट
* आम बजट पर लोकसभा में 9 घंटे से अधिक चर्चा
* रेल, कृषि, रक्षा, गृह मंत्रालय की अनुदान मांगों पर हुई चर्चा
सत्र के दौरान आम बजट पास होने के साथ जीएसटी से जुड़े विधेयक समेत 23 विधेयक पारित हुए तथा 29 बैठकों में करीब 177 घंटे तक कार्यवाही चली। सत्र के दौरान कुल 29 बैठकें हुईं जो 176 घंटे और 39 मिनट तक चली। इसमें से 7 बैठक पहले भाग में और 22 बैठक दूसरे भाग मे हुईं। इस सत्र के दौरान 24 सरकारी विधेयक सदन में पेश किए गए और कुल मिलाकर 23 विधेयक संसद से पारित हुए। बजट सत्र में लोकसभा में 114 फीसदी और राज्यसभा में 92 फीसदी काम हुआ।
सरकार के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि 10 साल से भी ज्यादा समय से लटका हुआ जीएसटी बिल आखिरकार लोकसभा और राज्यसभा दोनों से पास हो गया। 'एक देश-एक कर' व्यवस्था स्थापित करने वाले जीएसटी से देश की आर्थिक वृद्घि में आधा फीसदी की बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है तथा माना जा रहा है कि इससे राजस्व का दायरा बढ़ जाएगा और कंपनियों की लागत कुछ कम होगी। राज्यसभा में शत्रु संपत्ति विधेयक पारित कराना भी सरकार की बड़ी उपलब्धि रही।